प्रेमचंद का जीवन परिचय. 2023

प्रेमचंद का जीवन परिचय –

आज मुंशी प्रेमचंद्र जी के बारे में बिस्तार से बताएँगे | प्रेमचंद हिंदी और उर्दू भाषा के महान लेखकों में से एक थे प्रेमचंद जी की रचनाओं को देखकर उन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि बंगाल के विख्यात उपन्यासकार सरत चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा दी गई प्रेमचंद जी ने बहुत अच्छी कहानियां और उपन्यास लिखे हैं आज हम उन्हीं के जीवन परिचय के बारे में बात करेंगे और उन की रचनाओं के बारे में बात करेंगे अगर हम परीक्षा की दृष्टि से देखें तो मुंशी प्रेमचंद जी बहुत इंपोर्टेंट है और साहित्य की दृष्टि से देखें तो वह तो एक सम्राट है

मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के नजदीक छोटे से गांव लमही मैं हुआ था इनके पिता का नाम आजयब राय था और उनके पिता डाकखाने में एक छोटी सी नौकरी करते थे

प्रेमचंद का जीवन संघर्षमय

इनका जीवन बड़ा संघर्ष में बीता इनकी 8 साल की आयु में इनकी माताजी का निधन हो गया और जब इनकी आयु 15 साल की थी तो इनकी शादी करा दी गई तथा उसके 1 साल पश्चात पिता का निधन हो गया | प्रेमचंद जी का सपना एक वकील बनने का था लेकिन पैसा ना होने के कारण या उनकी गरीबी के कारण वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पाए

प्रेमचंद का जीवन परिचय

प्रेमचंद का जन्म बनारस शहर से 4 मील दूर लमही गांव में 31 जुलाई सन 1880 को हुआ इनकी माता का नाम आनंदी देवी था। प्रेमचंद को बचपन से ही कहानी लिखने का शौक था उन्होंने छोटी सी आयु लगभग 13 साल की उम्र से कहानी लिखना शुरू कर दिया था इन्होंने बहुत सारे उपन्यास भी लिखे हैं और बहुत प्रचलित भी हैं प्रेमचंद ने अपनी शिक्षा गरीबी चलते हुए भी पूर्ण की | बे एक बड़े लेखक के रूप में प्रसिद्ध है

प्रेमचंद जी की रचनाएँ-

कर्मभूमि , गबन, ईदगाह, पूस की रात, प्रतिज्ञा

प्रेमचंद जी की भाषा-शैली

प्रेमचंद जी की भाषा

मुंशी प्रेमचंद जी ने अपनी रचनाओं में हिंदी, उर्दू भाषा के साथ फारसी शब्दों का भी प्रयोग किया है प्रेमचंद जी की भाषा सरल, सहज व सजीब है इन्होंने मुहावरों का अपनी रचनाओं में बखूबी प्रयोग किया है इस कारण इनके रचनाओं को पढ़ने में कुछ अलग ही रुचि होती है

प्रेमचंद जी की शैली

मुंशी प्रेमचंद जी की शैली बहुत ही आकर्षण पूर्ण रही है उनके रचनाओं में मार्मिकता रही है उन्होंने अपने रचनाओं में उचित रूप से उचित शैली का प्रयोग उचित स्थान पर किया, इस कारण इन्हें इनके रचनाएं बहुत प्रचलित है प्रेमचंद जी ने उपन्यास कहानी नाटक के साथ निबंध भी लिखा है |

प्रेमचंद जी का हिंदी साहित्य में स्थान-  

मुंशी प्रेमचंद जी का हिंदी साहित्य में स्थान उच्च कोटि का रहा है | प्रेमचंद हिंदी और उर्दू भाषा के महान लेखकों में से एक थे प्रेमचंद जी की रचनाओं को देखकर उन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि बंगाल के विख्यात उपन्यासकार सरत चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा दी गई प्रेमचंद जी ने बहुत अच्छी कहानियां और उपन्यास लिखे हैं |

 

 

 

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